मायावती के किस दांव ने पश्चिमी यूपी में विरोधी पार्टी में मची हलचल आइये जानते हैं?

अभी तक राष्ट्रीय महासचिव के रूप में लोकदल के प्रसार में जुटे चौधरी विजेंद्र सिंह ने अचानक लोकदल छोड़ा और बसपा का साथ हो लिया। मंगलवार को बिजनौर के शहनाई बैंक्वट हाल में उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। जनसभा में बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने मंच से घोषणा की कि बिजेंद्र चौधरी ने बसपा की सदस्यता ग्रहण की है। मंगलवार को बिजनौर के शहनाई बैंक्वट हाल में उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में इसकी घोषणा की। जनसभा में बसपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने मंच से घोषणा की कि बिजेंद्र चौधरी ने बसपा की सदस्यता ग्रहण की है और उन्हें बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जाएगा। उनके टिकट की घोषणा आगामी एक दो दिन बसपा सुप्रीमो करेंगी।विजेंद्र सिंह पिछले लगभग चार महीने से लोकदल में राष्ट्रीय महासचिव के रूप में प्रचार प्रसार कर रहे थे। उन्होंने कई जनसभाएं की और यात्राएं निकाली। अचानक दो दिन पहले उन्होंने लोकदल से इस्तीफा दे दिया था।मंगलवार को शहर के शहनाई मंडप में बसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ। बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ विजेन्द्र सिंह पहुंचे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बसपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड प्रभारी शमशुद्दीन राईन ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती ने विजेंद्र सिंह को बिजनौर लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की है।बहन जी सबसे पहले बिजनौर सीट से ही जीत कर सांसद बनी थी। चौधरी विजेंद्र सिंह ने अपने अस्पतालों व शिक्षण संस्थानों के माध्यम से जनता की सेवा की है। इनकी सेवाभाव को देखते हुए बहन मायावती ने यह फैसला किया है।

एक दो दिनों में होगी टिकट की घोषणा

इस दौरान पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने चौधरी विजेंद्र सिंह का बसपा में आने पर स्वागत किया। जिलाध्यक्ष दलीप कुमार ने बताया कि बिजेंद्र सिंह को बिजनौर सीट से तैयारी के लिए कहा गया है। आगामी एक दो दिन में राष्ट्रीय अध्यक्ष टिकट की घोषणा करेंगी।
भाजपा और रालोद के गठबंधन और रालोद विधायक चंदन चौहान को बिजनौर सीट से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद इस सीट पर गठबंधन की पकड़ मजबूत मानी जा रही थी। बिजेंद्र सिंह की नजर भी जाट वोटों पर थी। वे लोकदल का झंडा थामकर तैयारी में जुटे थे।

गठबंधन के बाद इस सीट पर समीकरण बदल गए तो बिजेंद्र सिंह ने भी रास्ता बदल लिया। अब उन्होंने बसपा का दामन थामकर उसके वोटबैंक का सहारा लिया है। माना जा रहा है कि अब बिजनौर सीट पर चुनावी मुकाबला रोमांचक होगा।

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