मतदाताओं का इंतजार: प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद होगा सियासी मुकाबला

मतदान की तारीख की घोषणा होने के बाद मतदाताओं को प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने का इंतजार है। अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है। प्रत्याशियों के नाम की घोषणा न करना भी सियासी युद्ध में राजनीतिक दलों की रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है।दूसरे दलों को भी भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार है। माना जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के बाद दूसरे दल प्रत्याशियों को लेकर अपने पत्ते खोलेंगे। हालांकि इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए भाजपा की पहली पसंद क्षत्रिय और बसपा की ब्राह्मण प्रत्याशी है, कांग्रेस ने लगातार बदलाव करते हुए 2009 में वैश्य, 2014 में पंजाबी और 2019 में ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला।

2009 से अस्तित्व में आई गाजियाबाद लोकसभा सीट पर लगातार तीन बार से भाजपा प्रत्याशी की जीत हो रही है। भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ने इस सीट पर लगातार प्रत्याशियों को बदलाव किया, लेकिन जीत हासिल करने में असफल रही2009 में भाजपा ने राजनाथ सिंह को प्रत्याशी बनाकर चुनाव के मैदान में उतारा था, तब कांग्रेस ने सुरेंद्र प्रकाश गोयल को प्रत्याशी बनाया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जनरल वीके सिंह को प्रत्याशी बनाया तो कांग्रेस ने सिने स्टार राज बब्बर को चुनाव के मैदान में उतारा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जनरल वीके सिंह पर दोबारा दांव लगाया तो कांग्रेस ने डाली शर्मा को प्रत्याशी बनाया था

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