कांग्रेस का मजबूत गढ़ पटियाला भाजपा के चंगुल में

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पंजाब में इस बार राजनीतिक तस्‍वीर बदल गई है। कांग्रेस ने 2019 में लोकसभा की आठ सीटों पर जीत हासिल कर पंजाब में नरेन्द्र मोदी के अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा रोका था। हालांकि वर्ष 2022 तक आते-आते तस्वीर बदलने लगी। वहीं कैप्टन के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस का मजबूत गढ़ पटियाला कांग्रेस के हाथ से निकल गया।कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ी कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा की टीम में शामिल हो चुके हैं।

नफा-नुकसान की दृष्टि से देखें तो इन पांच वर्षों में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को उठाना पड़ा है।वहीं, भाजपा और आम आदमी पार्टी को लाभ हुआ है। कांग्रेस ने 2019 में लोकसभा की आठ सीटों पर जीत हासिल कर पंजाब में नरेन्द्र मोदी के अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा रोका था। हालांकि, वर्ष 2022 तक आते-आते तस्वीर बदलने लगी। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने का निर्णय लिया तो कैप्टन ने इस्तीफा देकर खुद को किनारे कर लिया।

यहीं से कांग्रेस के खिलाड़ियों का पाला बदलने का क्रम शुरू हो गयाकैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, फतेह जंग बाजवा और मनप्रीत बादल सरीखे नेता भाजपा में शामिल हो गए। कैप्टन के भाजपा में शामिल होने की प्रतिक्रिया भी कांग्रेस में देखने को मिली। कांग्रेस ने कैप्टन की पत्नी और पटियाला की सांसद परनीत कौर को पार्टी से निलंबित कर दिया, जोकि अब भाजपा में शामिल हो गई हैं। संभावना है कि पटियाला से भाजपा की टीम से वे ही मैदान में उतरेंगी। इससे पहले भाजपा ने केवल ढिल्लों को संगरूर उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था। हालांकि वह हार गए थे।

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