नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लागू होने पर पाकिस्तान का बड़ा बयान, विपक्ष विरोध में

नागरिकता संशोधन कानून, यानी सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब यह देशभर में लागू हो गया है। विपक्ष सीएए के खिलाफ विरोध का बिगुल बजाने में लगे हुए हैं। लेकिन इस बीच, पाकिस्तान ने भी सीएए को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है।

पाकिस्तान ने सीएए को भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा है कि यह कानून धर्म के आधार पर लोगों को बांटने वाला किया जा रहा है। पाकिस्तान ने बकायदा बयान जारी करके कहा है कि इस कानून से भारत के मुस्लिमों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए से उनकी नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि ये स्पष्ट है कि सीएए और इसके नियम भेदभावकारी हैं क्योंकि ये धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वाले काम हैं। उन्होंने कहा कि ये नियम गलत धारणा पर आधारित हैं, जिनमें माना जाता है कि मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जा रहा है और भारत अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है। मुमताज ने कहा कि सीएए की आलोचना करते हुए पाकिस्तान की संसद में 16 दिसंबर 2019 को भी एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसमें सीएए को समानता के अंतर्राष्ट्रीय नियमों के खिलाफ बताया गया था। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि भारत के भीतर अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया जाएगा और सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी।

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