सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की ED से गिरफ्तारी की सुनवाई: क्या होगा फैसला?

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दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ED से गिरफ्तारी मामले में पूछताछ की है। केजरीवाल ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में बहस पूरी हो गई है। लेकिन मामला देख रही पीठ बिना फैसला सुनाए ही फैसला सुरक्षित रख लिया है। ED के वकील इस मामले में केजरीवाल की जमानत के खिलाफ कोर्ट में लगातार तर्क दे रहे थे। वहीं केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी उनके आंतिरम जमानत देने का निवेदन कर रहे थे। हालांकि शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। जिसको लेकर सुनवाई चल रही है। कथित तौर पर हुए दिल्ली शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की वजह से केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था।शीर्ष अदालत में केजरीवाल की जमानत को लेकर याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई हो रही है। इस सुनवाई में केजरीवाल की ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती के लिए ये याचिका दायर की गई है।गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि ये बाद में तय किया जाएगा कि जमानत मिलेगी या नहीं। साथ ही लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को कोर्ट जमानत देने पर विचार कर सकती है। अगर सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को जमानत मिलती है तो केजरीवाल दिल्ली और पंजाब के लोकसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। जहां 25 मई को दिल्ली में मतदान होना है। वहीं पंजाब में 1 जून को वोटिंग होनी है।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, ‘हमें राजनीति की चिंता नहीं है, हमें सबूतों की चिंता है और जो हमारे पास सबूत हैं।’ ईडी ने ये भी बताया कि शुरुआती जांच में अरविंद केजरीवाल पर गौर नहीं किया गया। लेकिन जांच के दौरान उनकी भूमिका स्पष्ट होती चली गई।

ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि अरविंद केजरीवाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान 7 स्टार ग्रैंड होटल में रुके थे। इस दौरान उनके इस बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह ने किया था, जिन्होंने कथित तौर पर आप के अभियान के लिए नकद धनराशि स्वीकार की थी।हालांकि कोर्ट ने ईडी से कई सवाल पूछे हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ही क्यों की गई। गिरफ्तारी के बाद कार्रवाई में इतनी देरी क्यों हो रही, साथ ही इस मामले में ईडी ने क्या कुर्की की है? इसके साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल को लेकर कहा कि ये चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। उनके चुनाव प्रचार में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। चुनाव के दौरान सभी को वोट डालने और प्रचार करने का अधिकार है। ये चुनाव पांच साल बाद हो रहे हैं। कोई 6 महीनें में तैयार होने वाली फसल नहीं जो साल में दो बार हो जाए।
केजरीवाल मामले में कोर्ट ने ये भी कहा कि वो सीएम हैं और इस समय चुनाव का मौसम है। उनके खिलाफ कोई ऐसा केस नहीं है जिससे सिद्ध हो कि ये आदतन अपराधी हैं।

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