पाकिस्तान में हिन्दू आबादी में कमी, भारत में मुस्लिम आबादी में बढ़ोत्तरी: रिपोर्ट

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प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के एक वर्किंग पेपर के अनुसार, भारत में हिंदू आबादी घटी है जबकि पारसियों और जैनियों को छोड़कर भारत में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी में वृद्धि देखी गई। पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसके उलट बहुसंख्यकों की संख्या बढ़ी है और अल्पसंख्यक घटे हैं।प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं बहुसंख्यक हिंदुओं की जनसंख्या में कमी आई है। इसके उलट पड़ोसी देश पाकिस्तान में बहुसंख्यकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या के बारे में साल 2022 में सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस की रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया कि देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के 22,10,566 लोग रहते हैं। ये पाकिस्तान की कुल आबादी का 1.18 प्रतिशत है। पाकिस्तान की कुल पंजीकृत आबादी 18,68,90,601 है। पंजीकृत लोगों की संख्या में से 18,25,92,000 मुस्लिम हैं।

राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) से एकत्र आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की कुल आबादी में धार्मिक अल्पसंख्यक पांच प्रतिशत से भी कम हैं, जिसमें हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।एनएडीआरए से कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यकों के आधार पर डेटा एकत्र करने वाली रिपोर्ट में 17 अलग-अलग धर्म के मानने वाले लोगों की पहचान की गई। 17 धर्मों में विश्वास रखने वालों के अलावा देश में नास्तिकों की कुल संख्या 1,400 है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजीकृत हिंदुओं की संख्या 22,10,566 है, इसके बाद ईसाई 18,73,348, अहमदी 1,88,340, सिख 74,130, भेस 14,537 और 3,917 पारसी हैं।

रिपोर्ट में 11 ऐसे अल्पसंख्यक समुदायों की भी पहचान की गई है, जिनकी संख्या 2,000 से रिपोर्ट कहती है कि पाकस्तान में दो हजार से कम संख्या वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों में बौद्ध 1,787, चीनी 1,151, शिंटो धर्म के अनुयायी 628, यहूदी 628, अफ्रीकी धर्म के अनुयायी 1,418, केलाशा धर्म के अनुयायी 1,522 और जैन धर्म के सिर्फ छह अनुयायी हैं। पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी आबादी सिंध प्रांत में बसी हुई है।

देश की कुल हिन्दू आबादी में से 95 प्रतिशत सिंध में रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदू आबादी का ज्यादातर हिस्सा गरीब है और देश की संस्थाओं में उनका प्रतिनिधित्व भी बेहद कम है।भारत में बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों की बात की जाए तो पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में कमी आई है। इस दौरान मुस्लिम आबादी 9.84% से बढ़कर 14.09% हो गई। ईसाई आबादी की हिस्सेदारी 2.24% से बढ़कर 2.36% हुई है। देश में सिख समुदाय की आबादी 1.24% से बढ़कर 1.85% हो गई है। वहीं भारत के पड़ोसी पाकिस्तान, बांग्लादेश में बहुसंख्यक मुस्लिम बढ़े हैं। बांग्लादेश में सबसे अधिक 18.5% की वृद्धि देखी गई, उसके बाद पाकिस्तान (3.75%) और अफगानिस्तान (0.29%) का स्थान रहा।

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