हिंदी पत्रकारिता दिवस: त्याग और समर्पण से भरी पत्रकारिता का सम्मान

हिंदी पत्रकारिता दिवस: त्याग और समर्पण से भरी पत्रकारिता का सम्मान

सभी पत्रकार साथियों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 💐💐
✍🏻पत्रकार होना और पत्रकारिताकरना आसान नहीं है।

🖊️ अगर लगता है पत्रकारिता करना सरल है तो एक नेता अपने किसी परिवार से एक बेटे को पत्रकार बन कर देखें।

🖊️शासन में बैठे लोग अपने परिवार के लोगों से आखिर क्यों नहीं करवाते हैं पत्रकारता उनको मालूम है कि बहुत ही जोखिम भरा कार्य है पत्रकारिता करना।

दुनिया को ग्लैमरस लगने वाला यह काम तमाम त्याग माँगता है…देश-दुनिया की खबर तो रखते हैं किंतु खुद के घर-परिवार को समय नहीं दे पाते। खबरों की दौड़ में उम्र बढ़ती जाती है,

तमाम महत्वपूर्ण लम्हे गुजरते जाते हैं जिनका मलाल करने के अलावा कुछ और नहीं कर पाते। किंतु लोगों को दिखता है तो बस ग्लैमर !
बहुत कुछ है कहने-लिखने को, लेकिन फिर कभी…
फिलहाल बदलाव के दौर से गुज़र रही हिंदी पत्रकारिता के सामने चुनौतियाँ तमाम हैं
किन्तु उन चुनौतियों का सामना करते हुए लोकतंत्र का यह चतुर्थ स्तंभ अब भी खड़ा है। बेशक कई लांछन लगते हैं, उँगलियाँ उठती हैं किन्तु बदलाव के दौर में ये अब अभिन्न अंग हैं इस पेशे के..! नकारात्मकता को परे रख हम सकारात्मक पहलू को देखें और इस पेशे के माध्यम से जनकल्याण हेतु कुछ कर पायें, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। समय की मांग भी यही है..
शुभमस्तु !!!

फफूंद औरैया से सच की अहमियत की ब्यूरो चीफ की आवाज रेनू गुप्ता आर हिंदुस्तान से फफूंद औरैया

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