अमेरिका का ईरान-पाकिस्तान गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट को विरोध: क्या होगा पाकिस्तान का अगला कदम?

अमेरिका ने एक बार फिर ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना का विरोध किया है। मंगलवार को अमेरिका की तरफ से कहा गया कि वह इस प्रोजेक्ट के खिलाफ है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इसके तहत ईरान के साथ व्यापार करने को जोखिम के तौर पर देखना चाहिए। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी देशों को सलाह देते हैं कि इस मुद्दे पर विचार कर लें। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को लेकर स्पष्ट संदेश दिया है। अमेरिका ने कहा कि हम इस पाइपलाइन परियोजना का समर्थन नहीं करते हैं। यह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए बड़ा झटका है। पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने हाल ही में कहा था कि उनके द्वारा इस पाइपलाइन परियोजना में अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट की मांग की गई है। दरअसल, ईरान लगातार पाकिस्तान को इस प्रोजेक्ट को बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा है। कुछ महीने पहले ईरान ने पाकिस्तान पर जुर्माना लगाने की भी धमकी दे चुका है।

सुत्रों के मुताबिक एक सप्ताह के भीतर अमेरिका ने दोबारा ईरान-पाकिस्तान पाइपलाइन परियोजना के खिलाफ बयान दिया है। हाल ही में अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारी डोनाल्ड लू ने कांग्रेस के एक पैनल के सामने इस पाइपलाइन परियोजना को रोके जाने की मांग की थी। डोनाल्ड लू ने कहा था कि हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि हमारे लिए रेड लाइन क्या है। हम पाकिस्तान को इस परियोजना के लिए छूट नहीं दे सकते हैं। तेहरान के साथ पाकिस्तान के जुड़ाव और खासतौर से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। लाल सागर में हुई विद्रोहियों द्वारा जहाजों को निशाना बनाने के खिलाफ भी अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं। दरअसल, ईरान इस पाइपलाइन परियोजना के माध्यम से पाकिस्तान में प्राकृतिक गैस पहुंचाना चाहता है, लेकिन अमेरिका इसका विरोध कर रहा है। दूसरी तरफ ईरान पाकिस्तान पर गैस पाइपलाइन परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा है।

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