महासभा में एआई संबंधित प्रस्ताव स्वीकार, अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला

महासभा में एआई से संबंधित प्रस्ताव (संकल्प) अमेरिका ने प्रस्तुत किया और इसे बिना मतदान के स्वीकार कर लिया गया। इसका मतलब यह हुआ कि प्रस्ताव को महासभा के सभी 193 सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। इससे नई तकनीक को बढ़ावा देने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को बल मिलने की उम्मीद है। इससे मानव जीवन को ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने में मदद मिलेगीइस संकल्प में एआई के इस्तेमाल के नियमों और शर्तों को स्पष्ट किया गया है। एआई का उपयोग मानवता के लिए बेहद लाभकारी है लेकिन इसके कुछ बड़े दुष्परिणाम भी हैं। इन्हीं लाभों को प्राप्त करने और दुष्परिणामों से बचाने के पारित प्रस्ताव में प्रविधान किए गए हैं।

महासभा ने संपन्न और गरीब विकासशील देशों के बीच जुड़ाव के लिए एआई तकनीक को प्रभावशाली माध्यम बनाने का संकल्प लिया है। एआई के जरिये अंतरराष्ट्रीय कल्याण की योजनाएं बनाने में दोनों वर्गों के देश एक टेबल पर होंगे और अपनी बात रख सकेंगे। कोशिश होगी कि विकासशील देशों को तकनीक का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले जिससे वे विकास संबंधी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकें।एआई का इस्तेमाल अब शासन-प्रशासन में करने का रास्ता भी साफ हो गया है और इसके जरिये वैश्विक संचार व्यवस्था और कामकाज का सिस्टम तैयार किया जा सकेगा। तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां एआई के इस्तेमाल के लिए लंबे समय से नियमों की जरूरत बता रही थीं, अब उन्हें कार्य करने में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ की संसद भी 13 मार्च को एआई के इस्तेमाल के नियमों को स्वीकृति दे चुकी है।

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